सी ० बी ० आई कोर्ट ने प्रमाण पत्र व रजिस्ट्रेशन मान्य किया
एलोपैथी CMS –
हमारी संस्था से सी ० एम ० एस कोर्स करने वालो चिकित्स्को को माननीय सी ० एम ० ओ ० द्वारा नही रोका गया है – हमारी संस्था से जिन चिकित्सको ने सी ० एम ० एस का डिप्लोमा प्राप्त किया है उनके लिए हमारे हाई कोर्ट / सुप्रीम कोर्ट के लीगल एडवाईज़र श्री एम रंजन एडवोकेट ने हर जिले के माननीय सी ० एम ० ओ ० महोदय को झोलाछाप , डिग्री होल्डर और सी ० एम ० एस डिप्लोमा होल्डर मे क्या अन्तर है लिखित रूप से बताया है और लिखा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार सी ० एम ० एस डिप्लोमा धारी चिकित्सक संक्रामक रोगो सहित सभी रोगो का उपचार कर सकते है तथा अपने मरीजों को मेडिकल प्रमाण पत्र दे सकते है। ऐसे चिकित्सक झोला छाप डॉक्टर की श्रेणी में नही आते है और प्राथमिक चिकित्सा के लिए इनका भारतीय चिकित्सा परिसद या मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया मे रजिस्ट्रेशन नही होता है /हमारे लीगल एडवIइजर
श्री एम रंजन एडवोकेट ने सी ०एम० ओ महोदय से लिखित रूप से पूंछा – कि
1- क्या आपके द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध कोई आदेश जारी किया गया है, जिनमे सी ० एम ० एस डिप्लोमा धारी चिकित्सको को उनकी सेवाए देने से रोका गया है। और यदि हाँ
2- तो जारी किये गए ऑडर की प्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करे / इस पर 95 % सी ० एम ० ओ ० महोदय ने लिखा है कि इस संस्था से कोर्स पास किसी भी सी ० एम ० एस डिप्लोमा धारी चिकित्सक को नही रोका गया है और न ही कोई ऐसा आदेश हमारे कार्यालय से जारी किया गया है 5 % सी० एम ० ओ ० ने भ्रमात्मक उत्तर दिया है उन्हे पुन: लिखा जा रहा है/ उदाहरण के लिए निम्न सी ० एम ० ओ ० के लेटर्स देंखे :-
सी एम एस डॉक्टर्स का सत्यापन :- देश के विभिन्न प्रदेशो से सी एम एस डॉक्टर्स का सत्यापन मीडया , पुलिस ड्रग इंस्पेक्टर सी एम ओ आदि के द्वारा माँगा गया जिसका विवरण इसी वेबसाइट में अलग से दिया गया है संस्था से जुडी कुछ संस्थाओ ने सत्यापन के सम्बन्ध मे अपनी वेबसाइट्स और प्रोस्पेक्टस मे भ्रामक जानकारी डाल रखी है अतः ऐसी जानकारी पर विश्वास पहले सत्यता की सही जानकारी कर ले जैसे :- शिवम इंस्टिट्यूट ने अपनी वेबसाइट में सी एम ओ सहारनपुर से 27 चिकित्स्को का सत्यापन दर्शाया है जबकि इस संस्था के पास केवल 6 चिकित्स्को का सत्यापन माननीय सी एम ओ महोदय द्वारा
भेजा गया है वेरिफिकेसन के लिए निम्न पत्र की प्रति देखे :-
इसी प्रकार :- अनुभवी चिकित्सक – ध्यान दें –इस समय देश में अल्टरनेटिव नेचुरोपैथी तथा प्राइमरी हेल्थ केअर के सबंध में अनेकों नई संस्थाये खुल रही हैं, जो चिकित्सक को सही सही जानकारी नहीं देती है जिससे चिकित्सक आज प्रमाण पत्र बनवा लेता है और जांच के समय पता चलता है है कि यह संस्था सही नहीं है यह प्रमाण पत्र नकली है अतः किसी भी कोर्स में प्रवेश लेने या रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र लेने से पूर्व बिलकुल सही सही जानकारी कर ले इसके लिए आप हमारी पूरी वेबसाइट देख सकते है —-
आज अधिकांश संस्थाएं सरकार से रजिस्टर्ड नहीं हैं –ये संस्थाएं जो प्रमाण पत्र जारी करती हैं और उसमें प्राय:अपनी संस्था का पता नहीं लिखती हैं आफिस प्राय: किराये के भवन में बनाती हैं -साल दो साल बाद धन लेकर भाग जाती हैं –चार -पांच साल बाद जब तुम्हारे प्रमाण पत्रो के सत्यापन की जाँच होती है तब उनका कार्यालय बंद मिलता है और दोषी प्रमाण पत्र धारक डाक्टर होता है –
अत; प्रमाण पत्र लेने से पूर्व ठीक प्रकार से जानकारी कर ले -कि संस्था सरकार से रजिस्टर्ड है या नहीं –संस्था कितने साल पुरानी है –संस्था की वेवसाइट बनी है या नहीं –क्या संस्था जाँच होने पर जाँच आख्या -वेरिफिकेसन –भेजेगी –प्रमाण पत्रों में क्या अपने कार्यालय का पता लिखती है -प्रमाण पत्रो में क्या सरकार से दिया गया रजिट्रेशन नंबर लिखती है –
वेवसाइट में अपना पता लिखा है या नहीं –तथा संस्था के डायरेक्टर से फ़ोन पर या कार्यालय जाकर यह जरूर पूँछ ले कि क्या आपके प्रमाण पत्रों को हम C M O या पुलिस के किसी बड़े अधिकारी जैसे – यस 0 पी 0 आदि को दिखा सकते हैं –आदि -आदि बातों -तथ्यो को देखने के बाद ही प्रमाण पत्र लें –अन्यथा फंस जायेगे -धन बर्बाद होगा -और जेल भी जाना पड़ सकता है –अतः सावधान रहे ——-
INDIAN COUNCIL OF MEDICO TECHNICALS &
HEALTHCARE-
ON LINE APPLICATION – इस आवेदन पत्र का प्रिंट आउट निकाल ले और भरकर रजिस्टर्ड डाक से या व्हाट्सप्प, ईमेल से भेजे –
APPLICATION FORM – FOR COURSE / REGISTRATION
कोर्स व रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन पत्र (OR TAKE PRINT OUT OF THIS APPLICATION FORM , FILL IT & SEND US BY COURIER / POST / WHATSAPP E-MAIL) TO, THE REGISTRAR, सेवा में , रजिस्ट्रार महोदय I HAVE READ ALL RULES / REGULATIONS RECOGNITION AND ALSO SAW THE WEBSITE. I M FULLY CONVINCED AND AGREE WITH IT. I AM SENDING MY DOCUMENTS BY REGD. POST / COURIER/ WHATSAPP, E-MAIL Etc.
मैंने मान्यता सम्बन्धी सभी जानकारी प्राप्त कर ली है तथा नियमावली को पूरा पढ़ लिया है , सम्पूर्ण वेबसाइट देख ली है तथा मै इससे पूर्णतया सहमत हूँ , हमारे बारे में संछिप्त जानकारी निम्न प्रकार है-
MY PARTICULARS ARE GIVEN BELOW:-
MY NAME – मेरा नाम …………………………………………………………………………………………………………………….
FATHER’S NAME – पिता जी का नाम ……………………………………………………………………………………………..…
ADDRESS (PERMANENT) – स्थायी पता …………………………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………
LOCAL – लोकल पता (स्थानीय) ………………………………………………………………………………………………………………………………………………. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………
M.No- मोबाइल न 0 …………………………………………………………..
EMAIL- (IF IS)…ईमेल (यदि हो तो )…………………………………………………………………. WRITE OR CLICK THE NAME OF CERTIFICATE / COURSE FOR ADMISSION OR REGISTRATION/ WHICH U WANT.. नीचे लिखे जिस कोर्स में प्रवेश चाहते है या रजिस्ट्रेशन चाहते है सही का निशान लगा दे-
NOTE 1- THE ABOVE FEE IS GIVEN FOR DISTANCE EDUCATION / CORRESPONDENCES COURSES .
नोट 1 – उपरोक्त शुल्क पत्राचार / डिस्टेंस एजुकेशन (दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम ) का है।
NOTE 2- FOR REGULAR STUDY THE FEE OF CMS /CMSED/ DNYS OR ANY OTHER TWO YEARS DIPLOMA COURSE IS THREE LAKHS ( 300000/- ) , AT THE TIME OF ADMISSION THE FEEL WILL BE DEPOSIT TWO LAKHS (200000/-) AFTER IT ONE LAKH SECOND YEAR.
AND IN THE SAME WAY BAMS(Nat) , BAMS(Alt) / BEMS , / BPT FOUR YEARS DIPLOMA COURSE THE FEE WILL BE SIX LAKHS ( 600000/-)
AT THE TIME OF ADMISSION THE FEEL WILL BE DEPOSIT TWO LAKHS (200000/-) AFTER IT THREE INSTALLMENTS ONE INSTALLMENT PER YEAR.
REGISTRATION -THERE WILL BE A REGISTRATION AFTER COURSE REGISTRATION FEES WILL BE EXTRA
नोट 2 – रेगुलर पढ़ाई दो वर्षीय डिप्लोमा जैसे CMS / DNYS / या अन्य कोर्स का शुल्क टोटल पैकेज – तीन लाख है जिसमे एडमिशन के समय दो लाख रुपए जमा होगा। शेष एक लाख दूसरे वर्ष जमा होगा।
इसी प्रकार चार वर्षीय रेगुलर कोर्स जैसे BAMS(Nat) , BAMS(Alt) / BEMS , / BPT का शुल्क टोटल पैकेज – छः लाख है जिसमे एडमिशन के समय दो लाख रुपए जमा होगा। शेष रुपए तीन किस्तो में हर वर्ष एक क़िस्त के रूप में जमा होगा।
I AM DEPOSITING / DEPOSITED FULL FEE IN THE BANK
BANK DETAIL (INSTITUTE ACCOUNT)
Bank Detail – HDFC BANK
A/C Type – SAVING ACCOUNT
A/C Holder NAME:- SAI MANDIR CHARITABLE MISSION
IFSCode:- HDFC0004462
A/C No:- 5010 021 125 6140
BANK DETAIL (INSTITUTE ACCOUNT)
Bank Detail – HDFC BANK
A/C Type – CURRENT ACCOUNT
A/C Holder NAME:- SAI MANDIR CHARITABLE MISSION
IFSCode:- HDFC0004462
A/C No:- 50 2000 4388 4868
BANK DETAIL(LEGAL DIRECTOR)
Bank Detail – SBI BANK
A/C Type – SAVING ACCOUNT
A/C Holder NAME:- Dr. RANJAN MISHRA
IFSCode:- SBIN0007177
A/C No:- 30653812337
BANK DETAIL (INSTITUTE ACCOUNT)
Bank Detail – BANK OF BARODA
A/C Type – CURRENT ACCOUNT
A/C Holder NAME:- SAI MANDIR CHARITABLE MISSION
IFSCode:- BARB0KALKAN (Fifth digit is Zero)
A/C No:- 41040200000258
I AM SENDING MY DOCUMENTS BY COURIER / REGISTERED / SPEED POST / WHATSAPP OR BY E-MAIL .
WITH ONE P. P.SIZE PHOTO, D.O.B. CERTIFICATE / EDUCATIONAL / MEDICAL / EXPERIENCE CERTIFICATE & THE COPY OF ADHAR CARD —-
ON RECEIVING MY DOCUMENTS PLEASE SEND ME MY CERTIFICATES/ OR QUESTION PAPERS WITH IN 10 DAYS
मै अपने डाक्यूमेंट्स जिसमे एक फ़ोटो , जन्मतिथि प्रमाण पत्र के लिए हाई स्कूल की मार्कशीट या प्रमाण पत्र तथा अनुभव प्रमाण पत्र / शैक्षिक / मेडिकल योगयता के प्रमाणपत्रो की छायाप्रतियां तथा आधार कार्ड की कॉपी भेज रहा हूँ। कृपया हमारा रजिस्ट्रेशन प्रश्नप्रत्र आदि रजिस्टर्ड डाक या कोरिएर से 10 दिन के अंदर भेजने का कष्ट करे- SIGNATURE OF APPLICANT आवेदक के हस्ताक्षर
COURSES – CMS , BAMS (Nat)
Paramedical Courses : A paramedic is a medical professional, usually a member of the emergency medical services, who primarily provides pre-hospital advanced medical and trauma care. A paramedic is charged with providing emergency on-scene treatment, crisis intervention, life-saving stabilization and transport of ill or injured patients to definitive emergency medical and surgical treatment facilities, such as hospitals and trauma centers.
CMS diploma is known as diploma in Community Medical Services. It is a diploma for primary health care by general Allopathy medicines, which are recommended by the world health Organisation for primary health care. The Hon. Supreme court has given an order that CMS diploma holder can give the treatment in all disease including Infection disease where is no Doctor & he can issue Medical Certificate.
Paramedicals as CMS can provides their services in different Medical field as Co-operator or as on assistant to the society under qualified doctor. All courses will be complied by D.E.P. (Distance Learning Programme Distance Education Pattern or By Correspondence pattern.
Name Of The Courses | Duration | Fee | Apply |
CMS (Allopathy)– FEES TOTAL 45,000 | 2 Years | ||
CMS ED[Allopathy] FEES TOTAL 45,000 | 2 Years | ||
CMS Homeopathy– FEES TOTAL 45,000 | 2 Years | ||
CMS Ayurved – FEES TOTAL 45,000 | 2 Years | ||
CMS Dental – FEES TOTAL 45,000 | 2 Years | ||
CMS[Nursing]– FEES TOTAL 45,000 | 2 Years |
Minimum Qualification/Eligibility: High School or 10th Standard or Equivalent .
Medium Of Course: English or Hindi
Papers: 4 Papers (1) General Anatomy. (2) General Physiology. (3) General Study of Related Subject. (4) Practice in Selected Subject. Another 4 paper will be related in technician field.
नोट :-जिन चिकित्षको ने आई० एम ० आर ० ऐ ० कलकत्ता पश्चिम बंगाल या अन्य किसी सम कक्षीय संस्था से सी ० एम ० एस ० या सी ० एम ० एस ० ई ० डी कोर्स 30 ,40 या 44 दवाओं में किया है उन्हे हमारी संस्था का 150 दवाओ वाला कोर्स करना ही होगा इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट का LETTER तथा अन्य कोर्ट पेपर्स जारी होंगे। विशेष नोट:- संस्था से जो चिकित्सक सी ० एम ० एस का कोर्स करने बाद प्रेक्टिश करते है उन्हे जाँच के समय अधिकारी को दिखाने के के लिए एक विशेस पत्र दिया जाता है ,जिसको देखने के बाद कोई भी अधिकारी परेशान नही करता है और वह पत्र इसी वेबसाइट में जाँच के समय कालम मे पड़ा है देख सकते है।
1. Fee is not Refundable Nor Adjustable in other Courses
2. For above diploma certificates there will be no registration in MCI/DCI/State Medical Faculty or in CMO office there is no Govt’s Board for Alternative Medical Studies. But this certificate will be proof of your knowledge. The Verification of your Certificates will send by the Board to the enquiring authorities as executive of health Department as CMO,MEDIA EXECUTIVE, HON.COURT etc.
C.M.S. कोर्स के प्रमाण पत्र जारी करने के तथा संस्था से सम्बंधित प्रपत्रों के सत्यापन के सम्बन्ध में – इस सम्बन्ध मे सहारनपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कोर्स और संस्था के सत्यापन के सम्बन्ध मे जानकारी मांगी है संस्था द्वारा CMO महोदय को निम्न जानकारी प्रेषित कर दी गयी है तथा इसकी एक एक प्रति
1- माननीय श्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री
2- परिवार कल्याण मंत्रालय लखनऊ
3- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ,स्वास्थ्य मंत्रालय
4- भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तर प्रदेश
5- स्टेट मेडिकल फैकल्टी उत्तर प्रदेश
6- समस्त जिलो के मुख्य चिकित्सा अधिकारी
7- चिकित्सा मंत्रालय लखनऊ
8- शिवम इन्सीट्यूट ऑफ मेडिकल & हेल्थ साइंस नागल सहारनपुर को भेज दी गयी है। हमारी संस्था के लीगल एडवाइजर श्री एम० रंजन०एडवोकेट हाई कोर्ट, ने सहारनपुर जिले के CMO महोदय से जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत पूँछा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध आप द्वारा या आपके कार्यालय द्वारा क्या ऐसा कोई आदेश पारित किया गया है
जिसमे CMS डिप्लोमा धारी चिकित्स्को को प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए रोका गया है यदि हा तो सही सूचना के साथ ऑडर की प्रतिलिपि निर्धारित अवधि मे उपलब्ध कराने का कष्ट करे -क्यों की माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय मे कहा है कि CMS डिप्लोमा धारी चिकित्सक संक्रामक रोगो सहित सभी रोगो का उपचार कर सकते है अपने मरीजों को मेडिकल प्रमाण पत्र दे सकते है —-
अभी तक इस सम्बन्ध मे CMO महोदय द्वारा हमे कोई सूचना प्राप्त नही हुई है। —इसी प्रकार हर जिले के माननीय CMO महोदय को लिखा जा है
प्रेषक- एस0 के0 तिवारी (एडवोकेट) लीगल एडवाइजर- इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिको टेक्नीकल्स एंड हेल्थ केयर एच -1099 सत्यम विहार कल्यानपुर, कानपुर 208017 (उत्तर प्रदेश) सेवा में, दिंनाक :-21/10/2014 श्रीमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी , पत्रांक :- OCT/GOVT./ENQ./CMO/271/2014 जिला–सहारनपुर उत्तर प्रदेश ।
विषय- C.M.S.E.D कोर्स के प्रमाण पत्र जारी करने के तथा संस्था सेसम्बंधित प्रपत्रों के सम्बन्ध में – माननीय महोदय , आप द्वारा प्रेषित पत्र -पत्रांक :मुख्य चिकित्सा अधिकारी /सत्यापन /2014 /1134 – दिंनाक 9/अक्टूबर /2014 – हमारी संस्था से मान्य परीक्षा केंद्र – शिवम इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एंड हेल्थ साइंस के संचालक डॉ0 राजेश शर्मा के माध्यम से दिंनाक १७ /१० /२०१४ – को प्राप्त हुआ है । बहुत- बहुत धन्यवाद । कृपया जांच के सम्बन्ध में निम्न तथ्यों का अवलोकन करे –
(1)यह कि संस्था “इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिको टेक्निकYस एंड हेल्थ केयर”, जन स्वास्थ्य शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित है जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 21,1860 – के अंतर्गत रजिस्टर्ड तथा भारत सरकार के ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन अधिनियम १८८२ के अंतर्गत – साईं मंदिर चैरिटेबल मिशन ट्रस्ट द्वारा संरक्षित है। तथा वर्ष 1987 से वैकल्पिक चिकित्सा और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में ही कार्य कर रही है, तथा विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में प्रचार एवं प्रसार प्रशिक्षण देने हेतु विधि मान्य इकाई है । देखें संलग्नक:- 1-3.
(2) यह कि हमारे मुवक्किल डॉ0 नरेश मिश्रा जो जन स्वास्थ्य शिक्षण संस्थान के अध्य्क्ष हैं और संस्था द्वारा संचालित इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिको टेक्नीकल्स एंड हेल्थ केयर के डायरेक्टर हैं संस्था का पूर्व में कार्यालय जी0 टी0 रोड , चौबेपुर- कानपुर – 209203 (देहात) उत्तर प्रदेश में था जो सरकारी अभिलेखों में दर्ज है , वर्तमान में कार्यालय का पता – एच 1099 सत्यम विहार कल्यानपुर कानपुर 208017 उत्तर प्रदेश है ।
(3) यह कि संस्था अपने उद्देश्य – विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में प्रचार प्रसारकरना एवं प्रशिक्षण देना – के अंतर्गत- वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों यथा योगा, नेचुरोपैथी और प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्राथमिक चिकित्सा के लिए मान्य औषधियों में केवल अनुभवी चिकित्सकों – इच्छुक अभ्यर्थियों को नामित कर प्रशिक्षण देने का कार्य पूर्ण करती हैं।
(4) यह कि- इच्छुक अभ्यर्थियों को प्राथमिक चिकित्सा और वैकल्पिक चिकित्सा में प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरान्त ही डिप्लोमा के रूप में प्रमाण पत्र / सर्टिफिकेट निर्गत किये जाते हैं, तथा कोर्स उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को संस्था से सम्ब) प्रशिक्षण केन्द्रो में प्रत्यक्ष कर्माभ्यास कराया जाता है , और प्राथमिक चिकित्सा के लिए संगठन में सदस्य के रूप निबंधित किया जाता है। जब तक कि सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की जाती है ।
(5) यह कि इच्छुक अभ्यर्थियों से तात्पर्य है कि अभ्यर्थी को वैकल्पिक चिकित्सा / सी0.एम0.एस0./सी0.एम0.एस0.ई0.डी0./ RMP/ DNYS/ BAMS (Nat)आदि के कोर्सेज तथा संस्था की मान्यता सम्बन्धी सभी सत्य और सही जानकारी प्रॉस्पेक्टस से वेबसाइट से तथा मौखिक रूप से दे दी जाती है इसके बादभी यदि अभ्यर्थी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सहमत होता है तब उसे प्राथमिक चिकित्सा और वैकल्पिकचिकित्सा में प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कराया जाता है. और इस तथ्य का प्रमाण पत्रों में भी स्पष्ट उल्लेख किया जाता है।
(6) यह कि संस्था द्वारा सरकारी मान्यता सम्बन्धी किसी प्रकार का कोई झूठा दावा नहीं किया जाता है और न ही किसी ऐसे कोर्सेस का संचालन किया जाता है जिनका संचालन सरकार द्वारा किया जाता है जैसे एलोपैथी में एम0.बी0.बी0.एस0. आयुर्वेद में बी0 ए0 एम0 एस0 आदि तथा कोई ऐसा विज्ञापन भी नहीं दिया जाता है जिससे जनमानस में भ्रामक सन्देश जाये।
(7) यह कि हमारी संस्था- मेडिकल कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया एक्ट 1956 का उल्लंघन करने की पक्षधर नहीं है न हीं संस्था उल्लंघन करती है न भविष्य में करेगी । तथा संस्था किसी अन्य संस्था, व्यक्ति या संगठन को उल्लंघन करने का न तो प्रोत्साहन देती है और न ही समर्थन करती है – संस्था केवल वैकल्पिक चिकित्सा एवं प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र में ही कार्य करती है ।
(8) यह कि संस्था अपने मौलिक अधिकारों के अंतर्गत प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत अनुभवी चिकित्सकों , स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तथा सी एम एस डिप्लोमा धारी चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन करती है जो संस्था के संगठन के सदस्य के रूप में नामित होते है और संस्था द्वारा , इनको – इनके मौलिक अधिकारों के लिए संरक्षण दिया जाता है और यदि कोई सी0एम0एस0 डिप्लोमाधारी प्राथमिक चिकित्सक अपनी लिमिटेशन के बाहर कार्य करता है तो उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है संस्था उसके लिए उत्तरदायी नहीं है
(9) यह कि संस्था द्वारा किया गया रजिस्ट्रेशन सरकारी रजिस्ट्रेशन नहीं होता है और न ही मेडिकल कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया के रजिस्ट्रेशन की तरह सरकारी मान्यता नहीं रखता है तथा किसी को भी चिकित्सा कार्य करने का अधिकार भी नहीं प्रदान करता है सूच्य; हो कि सी0 एम0 एस0 डिप्लोमाधारी चिकित्सकों को चिकित्सा कार्य का अधिकार माननीय सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने दिया है जो सभी संस्थाओं संगठन, व्यक्ति , समाज , राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार – सभी के लिए सम्मानीय है अनुकरणीय है।
(10) यह कि प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए मेडिकल कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया (M.C.I)/और भारतीय चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रेशन नहीं होता है क्यों कि प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए सरकारी रजिस्ट्रेशन का प्राविधान नहीं है । ऐसे चिकित्सकों सरकार द्वारा रजिस्ट्रेशन किया जाना है पूर्व में भी सरकार द्वारा सरकारी रजिस्ट्रेशन जारी किये गए थे . जब सरकार द्वारा रजिस्ट्रेशन जारी किया जायेंगे, तब हमारी संस्था ऐसे रजिस्टर्ड प्राथमिक चिकित्सकों को सरकारी रजिस्ट्रेशन दिलाने में सहायता व मार्गदर्शन करेगी ।
(11) यह कि हमारी संस्था झोलाछाप डॉक्टरों की पक्षधर नहीं है किन्तु जनसँख्या (1 अरब 35 करोड़ से ऊपर) और योग्य चिकित्सकों की कमी (लगभग 12 लाख) के अनुपात को देखते हुए 5 -10 वर्ष के अनुभवी चिकित्सकों को उनके ज्ञान में सुधार लाने हेतु प्रशिक्षित करने का कार्य कर – हमारी संस्था द्वारा उन्हें प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए योग्य बनाया जाता है यद्यपि यह कार्य सरकार द्वारा किया जाना चाहिये। और सरकार द्वारा विचाराधीन भी है। देखें संलग्नक: – 6.
(12) यह कि संस्था समय समय पर शासन / प्रशाशन से इस बात की मांग करती है/ करती रही है कि अनुभवी चिकित्सको को सरकारी संरक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाये – वर्तमान में -केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री माननीय डॉ हर्ष वर्धन द्वारा इस तरह के कदम उठाये गए हैं। देखें संलग्नक:-7.
(13) यह कि माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना याचिका स० 820 ऑफ़ 2004 के निर्देश. के सम्मान व समयबद्ध अनुपालन के सम्बन्ध में – संस्था द्वारा माननीय प्रमुख सचिव – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश लखनऊ को संस्था का प्रतिवेदन पत्र दो प्रतियों में अपने हाई कोर्ट के लीगल एडवाइजर से प्रमाणित करा कर दिंनाक 22-04-2014 को भेजा जा चुका है। तथा उसकी एक एक प्रति सी0एम0ओ0 कार्यालय को भेजी गयी थी। तथा एक एक प्रति मुख्य न्यायाधीश तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी गयी थी । देखें संलग्नक:-4 , 5.
(14) यह कि आज के विकसित समय में कोई सी0 एम0 एस0 डिप्लोमा धारक प्राथमिक चिकित्सक जमीन पर – टाट ,बोरा बिछाकर प्राथमिक चिकित्सा की सेवाएं नहीं देगा और न ही गली – गली घूम घूम कर बोलेगा कि प्राथमिक चिकित्सा की सेवाएं ले लो , कम से कम एक कमरे में एक कुर्सी एक मेज, दो बेंच और एक दो छोटे तखत डालकर बैठेगा
(15) यह कि हमारी संस्था ऐसे सभी सी0एम0एस0 डिप्लोमाधारी प्राथमिक चिकित्सको की आजीविका और सम्मान की रक्षा करने के लिए तथा उन्हें न्याय दिलाने हेतु एवं उनके लिए क़ानूनी संघर्ष करने के कटिबद्ध है समर्पित है
(16) यहकि सी0एम0एस0 डिप्लोमा धारक प्राथमिक चिकित्सक को प्रताड़ित करना या उन पर फ़र्ज़ी डॉक्टर का अभियोग लगाना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन , मानहानि और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अवहेलना करना तथा अवमानना (कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट) है इस तथ्य पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
(17) यह कि फ़र्ज़ी डॉक्टर वह डॉक्टर है – जो नाम के साथ बोर्ड पर एम0बी0बी0एस या बी0ए0एम0एस लिखता है और कोई डिग्री कोर्स पास नहीं है। या जिस कॉलेज या यूनिवर्सिटी के प्रमाण पत्र दिखाता है और वे प्रमाण पत्र सम्बंधित कॉलेज या यूनिवर्सिटी में रिकार्डेड नहीं है।
(18) यह कि इसी प्रकार झोलाछाप डॉक्टर वह डॉक्टर है जो कक्षा 5- 8 या 10 भी पास नहीं है और न ही कही से कोई डिप्लोमा या प्रशिक्षण लिया है और क्लिनिक खोल कर उपचार कर रहा है ऐसे चिकित्सकों पर कार्यवाही करना सर्वथा उचित है और इसे रोका जाना चाहिए।
(19) यह कि सी0एम0एस0 डिप्लोमा धारी प्राथमिक चिकित्सक और डिग्रीधारी एम0बी0बी0एस डॉक्टर्स में प्रमुख अंतर यह है कि एम0बी0बी0एस डॉक्टर – सर्जरी करता है , रेडिएशन थेरेपी करता है , ब्लड ट्रांस फ्यूजन करता है , आई0सी0यू0 /वेंटीलेटर अटेंड करता है , वेलफिनिश्ड क्लीनिक /हॉस्पिटल खोलता है * जब कि सी0एम0एस0 डिप्लोमाधारक ऐसा कुछ भी नहीं कर सकता है ।वह केवल जुखाम, बुखार,खांसी आदि सामkन्य बhमारियो का प्राथमिक उपचार वि”o स्वास्थय संगठन द्वारा प्राथमिक चिकित्सा के लिए मान्य दवाओं से करता है।
औरयदि कोई सी0एम0एस0 डिप्लोमाधारी चिकित्सक अपनी लिमिटेशन के बाहर कार्य करता है तो उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है संस्था उसके लिए उत्तरदायी नहीं है ।
(20) यह कि इससे पूर्व भी कई जिलो के माननीय वरिष्ट पुलिस अधिकारी जैसे सुल्तानपुर पत्रांक स0 रल 711491-8749/410 Date 4-03-2005 बंगलोर REF CIMS NO 360/09/27/10/2007) फ़िरोज़ाबाद ज़िले के माननीय सेशन जज पत्रांक स0 (र -२१८९/15.09.2011)- Case of ३१/३ Pet No .1699/०९ तथा कई ज़िलों के माननीय C.M.O महोदय द्वारा संस्था के अभिलेखों या संस्था द्वारा जारी प्रमाण पत्रों के सम्बन्ध में जांच आंख्या मांगी जा चुकी है तथा उसकी प्रति भारतीय चिकित्सा परिषद ७ लाल बाग़ लखनऊ उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाएं एवं उत्तर प्रदेश स्टटे मेडिकल फैकल्टी को प्रति भेजने के लिए लिखा गया था जिनमे से प्रमुख है सी0 एम0 ओ0 विजनौर पत्रांक संख्या – क्यू0 सी0 – 2001/4306 ) , सी0 एम0 ओ0 ग़ाज़ीपुर (पत्रांक स0 मो चि/सत्यापन 2004-05/2978/20/08/2004) , सी0 एम0 ओ0 गोंडा (पत्रांक स0 शिक्षा जाँच 09-96/2-7/10/2009), सी0 एम0 ओ0 कन्नौज (पत्रांक स0 मु0 चि0 अ0/सत्यापन 2011/1299/9-9-2011) आदि आदि ।
पूर्व में भी 1987 से जहाँ जहाँ से जांच आंख्या मांगी गयी , संस्था द्वारा सही सही सत्य जानकारी प्रमाणित प्रपत्रों सहित अपने हाई कोर्ट के लीगल एडवाइजर से प्रमाणित कराकर भेजी जा चुकी है।इसी प्रकार संस्था से प्रशिक्षित नैचुरोपैथिक चिकित्सकों का १५-२० जिलों के माननीय सी0 एम0 ओ0 महोदय ने अपने यहाँ से रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किये हैं। जिनमे से प्रमुख है गोरखपुर , इलाहाबाद , मिर्ज़ापुर, संतकबीरनगर , झाँसी , सीतापुर , प्रतापगढ़, बरेली आदि आदि –
(21) यह कि उपरोक्त में या संस्था के सम्बन्ध में अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो निसंकोच लिखे तथा आप अपना मार्गदर्शन , सुझाव , विचार हमे अवश्य भेजें। जिससे देश की गरीब जनता एवं पीड़ित मानवता को प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाएँ और बेहतर ढंग से मिल सके ।
आपके सुझावों , विचारों और मार्गदर्शन को अपना कर सरकार का सहयोग लेते हुए, संस्था के कार्यक्रमों को कुछ और अच्छे ढंग से प्रतिपादित / क्रियान्वित कर सकें। आदर सहित । शुभेक्क्षु :- एस के तिवारी (एडवोकेट)———————————————————————————————————————-सी0 एम0 ओ0 रजिस्ट्रेशन-
प्रश्न १ – आर 0 एम 0 पी 0 / CMS / अल्टरनेटिव / नेचुरोपैथी- के प्रमाण पत्रों से क्या CMO ऑफिस में रजिस्ट्रेशन हो सकता है ?
उत्तर – जी नहीं , CMO ऑफिस के पास जो शाशन ने रजिस्ट्रेशन करने हेतु वर्ष 2002 में आदेश पत्र भेजा था उसके अनुसार CMO ऑफिस में रजिस्ट्रेशन केवल उन्ही डॉक्टर्स का होगा जिन्होंने CPMT परीक्षा पास करके साढ़े पांच साल का रेगुलर ट्रेनिंग कोर्स किया है तथा 20 से 20 लाख, एक करोड़ या और अधिक रुपए खर्च किये हैं। जैसे – MBBS , BAMS – (आयुर्वेदिक डॉक्टर ) आदि आदि अन्य किसी चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन करने का अधिकार उनके पास नहीं है , CMO महोदय चिकित्सा कर रहे डॉक्टर्स की जांच कर सकते हैं , डॉक्टर्स के प्रमाण पत्रों की रिपोर्ट शाशन को भेज सकते हैं , या सही प्रमाण पत्र न होने पर पुलिस में यफ 0 आई 0 आर0 करा सकते हैं।
वर्ष 2003 में शाशन ने नेचुरोपैथी और योगा सिस्टम को मान्यता प्रदान की है। अत : जिन चिकत्सकों ने नेचुरोपैथी या योगा में कोई कोर्स सरकार से या सरकार द्वारा विधिमान्य रजिस्टर्ड संस्था द्वारा कोई डिप्लोमा , या डिग्री कोर्स पूरा किया है और नेचुरोपैथी योगा में में प्रैक्टिस करने हेतु CMO ऑफिस में आवेदन किया है तथा सभी तथ्यों सहित अपने को सही ढंग से प्रस्तुत किया है तो माननीय CMO महोदय अपने स्व:विवेका अनुसार रजिस्ट्रेशन कर भी सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन के लिए CMO महोदय बाध्य नहीं है क्यों कि नेचुरोपैथिक रजिस्ट्रेशन हेतु सरकार द्वारा कोई गाइड लाइन नहीं बनाई गई है। हमारी संस्था से N.D. , D.N.S. , B.A.M.S. (Nat) आदि डिप्लोमा कोर्स पास चिकित्सकों को रजिस्ट्रेशन कई जिलों के माननीय CMO महोदय ने प्रदान किये हैं। इनमे से कुछ प्रमुख जिले हैं – बाराबंकी , गोरखपुर , प्रतापगढ़ , झाँसी , फैजाबाद , संत कबीर नगर , बरेली, इलाहाबाद आदि आदि।
अत : आप भी हमारी संस्था से नेचुरोपैथी या योगा में D.N.S. , B.A.M.S. (Nat) आदि आदि डिप्लोमा कोर्स करके CMO ऑफिस में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि CMO महोदय के यहाँ से हमारे यहाँ कोई इन्क्वारी आप के संभंध में आती है तो हमारी संस्था द्वारा आप के जिले के CMO महोदय को वेरिफिकेशन भेज दिया जायेगा – CMO ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराने हेतु आवेदन किस प्रकार से करना है कोर्स करने के बाद आप को बता दिया जायेगा जिससे रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने में आपको किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो।
नीचे 2 जिलों के CMO कार्यालय द्वारा दिये गए रजिस्ट्रेशन की फोटो कॉपी यहाँ डाल रहें हैं। जिसे देखकर आप संतुष्ट हो सकते हैं
C.M.S. कोर्स के प्रमाण पत्र जारी करने के तथा संस्था से सम्बंधित प्रपत्रों के सत्यापन के सम्बन्ध में –
इस सम्बन्ध मे सहारनपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने CMS कोर्स और संस्था के सत्यापन के सम्बन्ध मे जानकारी मांगी है संस्था द्वारा CMO महोदय को निम्न जानकारी प्रेषित कर दी गयी है तथा इसकी एक एक प्रति
1- माननीय श्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री 5- परिवार कल्याण मंत्रालय लखनऊ
2- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ,स्वास्थ्य मंत्रालय 6- भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तर प्रदेश
3- स्टेट मेडिकल फैकल्टी उत्तर प्रदेश 7- समस्त जिलो के मुख्य चिकित्सा अधिकारी
4- चिकित्सा मंत्रालय लखनऊ 8- शिवम इन्सीट्यूट ऑफ मेडिकल & हेल्थ साइंस नागल सहारनपुर
को भेज दी गयी है। हमारी संस्था के लीगल एडवाइजर श्री एम० रंजन०एडवोकेट हाई कोर्ट, ने सहारनपुर जिले के CMO महोदय से जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत पूँछा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध आप द्वारा या आपके कार्यालय द्वारा क्या ऐसा कोई आदेश पारित किया गया है जिसमे CMS डिप्लोमा धारी चिकित्स्को को प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए रोका गया है यदि हाँ तो सही सूचना के साथ ऑडर की प्रतिलिपि निर्धारित अवधि मे उपलब्ध कराने का कष्ट करे -क्यों की माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय मे कहा है कि CMS डिप्लोमा धारी चिकित्सक संक्रामक रोगो सहित सभी रोगो का उपचार कर सकते है अपने मरीजों को मेडिकल प्रमाण पत्र दे सकते है —-अभी तक इस सम्बन्ध मे CMO महोदय द्वारा हमे कोई सूचना प्राप्त नही हुई है। –इसी प्रकार हर जिले के माननीय CMO महोदय को लिखा जा रहा है –
प्रेषक-
एस0 के0 तिवारी (एडवोकेट)
C/O एम रंजन एडवोकेट एंड एसोसिएट्स हाईकोर्ट
लीगल एडवाइजर- इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिको टेक्नीकल्स एंड हेल्थ केयर
एच -1099 सत्यम विहार कल्यानपुर,
कानपुर 208017 (उत्तर प्रदेश)
सेवा में, दिंनाक :-21/10/2014
श्रीमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी , पत्रांक :- OCT/GOVT./ENQ./CMO/271/2014
जिला–सहारनपुर
उत्तर प्रदेश ।
विषय– C.M.S.E.D कोर्स के प्रमाण पत्र जारी करने के तथा संस्था सेसम्बंधित प्रपत्रों के सम्बन्ध में –
माननीय महोदय ,
आप द्वारा प्रेषित पत्र -पत्रांक :मुख्य चिकित्सा अधिकारी /सत्यापन /2014 /1134 – दिंनाक 9/अक्टूबर /2014 – हमारी संस्था से मान्य परीक्षा केंद्र – शिवम इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एंड हेल्थ साइंस के संचालक डॉ0 राजेश शर्मा के माध्यम से दिंनाक १७ /१० /२०१४ – को प्राप्त हुआ है । बहुत- बहुत धन्यवाद ।
कृपया जांच के सम्बन्ध में निम्न तथ्यों का अवलोकन करे –
(1)यह कि संस्था “इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिको टेक्निकYस एंड हेल्थ केयर”, जन स्वास्थ्य शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित है जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 21,1860 – के अंतर्गत रजिस्टर्ड तथा भारत सरकार के ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन अधिनियम १८८२ के अंतर्गत – साईं मंदिर चैरिटेबल मिशन ट्रस्ट द्वारा संरक्षित है। तथा वर्ष 1987 से वैकल्पिक चिकित्सा और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में ही कार्य कर रही है, तथा विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में प्रचार एवं प्रसार प्रशिक्षण देने हेतु विधि मान्य इकाई है । देखें संलग्नक:- 1-3.
(2) यह कि हमारे मुवक्किल डॉ0 नरेश मिश्रा जो जन स्वास्थ्य शिक्षण संस्थान के अध्य्क्ष हैं और संस्था द्वारा संचालित इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिको टेक्नीकल्स एंड हेल्थ केयर के डायरेक्टर हैं संस्था का पूर्व में कार्यालय जी0 टी0 रोड , चौबेपुर- कानपुर – 209203 (देहात) उत्तर प्रदेश में था जो सरकारी अभिलेखों में दर्ज है , वर्तमान में कार्यालय का पता – एच 1099 सत्यम विहार कल्यानपुर कानपुर 208017 उत्तर प्रदेश है ।
(3) यह कि संस्था अपने उद्देश्य – विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में प्रचार प्रसारकरना एवं प्रशिक्षण देना – के अंतर्गत- वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों यथा योगा, नेचुरोपैथी और प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्राथमिक चिकित्सा के लिए मान्य औषधियों में केवल अनुभवी चिकित्सकों – इच्छुक अभ्यर्थियों को नामित कर प्रशिक्षण देने का कार्य पूर्ण करती हैं।
(4) यह कि- इच्छुक अभ्यर्थियों को प्राथमिक चिकित्सा और वैकल्पिक चिकित्सा में प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरान्त ही डिप्लोमा के रूप में प्रमाण पत्र / सर्टिफिकेट निर्गत किये जाते हैं, तथा कोर्स उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को संस्था से सम्बद्ध) प्रशिक्षण केन्द्रो में प्रत्यक्ष कर्माभ्यास कराया जाता है , और प्राथमिक चिकित्सा के लिए संगठन में सदस्य के रूप में निबंधित किया जाता है। जब तक कि सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की जाती है ।
(5) यह कि इच्छुक अभ्यर्थियों से तात्पर्य है कि अभ्यर्थी को वैकल्पिक चिकित्सा / सी0.एम0.एस0./सी0.एम0.एस0.ई0.डी0. आदि के कोर्सेज तथा संस्था की मान्यता सम्बन्धी सभी सत्य और सही जानकारी प्रॉस्पेक्टस से तथा मौखिक रूप से तथा वेबसाइट के माध्यम से दे दी जाती है इसके बादभी यदि अभ्यर्थी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सहमत होता है तब उसे प्राथमिक चिकित्सा और वैकल्पिकचिकित्सा में प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कराया जाता है. और इस तथ्य का प्रमाण पत्रों में भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाता है।
(6) यह कि संस्था द्वारा सरकारी मान्यता सम्बन्धी किसी प्रकार का कोई झूठा दावा नहीं किया जाता है और न ही किसी ऐसे कोर्सेस का संचालन किया जाता है जिनका संचालन सरकार द्वारा किया जाता है जैसे एलोपैथी में एम0.बी0.बी0.एस0. आयुर्वेद में बी0 ए0 एम0 एस0 आदि तथा कोई ऐसा विज्ञापन भी नहीं दिया जाता है जिससे जनमानस में भ्रामक सन्देश जाये।
(7) यह कि हमारी संस्था- मेडिकल कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया एक्ट 1956 का उल्लंघन करने की पक्षधर नहीं है न हीं संस्था उल्लंघन करती है न भविष्य में करेगी । तथा संस्था किसी अन्य संस्था, व्यक्ति या संगठन को उल्लंघन करने का न तो प्रोत्साहन देती है और न ही समर्थन करती है – संस्था केवल वैकल्पिक चिकित्सा यथा नेचुरोपैथी, योगा एवं प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र में ही कार्य करती है ।
(8) यह कि संस्था अपने मौलिक अधिकारों के अंतर्गत प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत अनुभवी चिकित्सकों , स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तथा सी एम एस डिप्लोमा धारी चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन करती है जो संस्था के संगठन के सदस्य के रूप में नामित होते है और संस्था द्वारा , इनको – इनके मौलिक अधिकारों के लिए संरक्षण दिया जाता है और यदि कोई सी0एम0एस0 डिप्लोमाधारी प्राथमिक चिकित्सक अपनी लिमिटेशन के बाहर कार्य करता है तो उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है संस्था उसके लिए उत्तरदायी नहीं है
(9) यह कि संस्था द्वारा किया गया रजिस्ट्रेशन सरकारी रजिस्ट्रेशन नहीं होता है और न ही मेडिकल कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया के रजिस्ट्रेशन की तरह सरकारी मान्यता नहीं रखता है तथा किसी को भी चिकित्सा कार्य करने का अधिकार भी नहीं प्रदान करता है सूच्य; हो कि सी0 एम0 एस0 डिप्लोमाधारी चिकित्सकों को चिकित्सा कार्य का अधिकार माननीय सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने दिया है जो सभी संस्थाओं संगठन, व्यक्ति , समाज , राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार – सभी के लिए सम्मानीय है अनुकरणीय है।
(10) यह कि प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए मेडिकल कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया (M.C.I)/और भारतीय चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रेशन नहीं होता है क्यों कि प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए सरकारी रजिस्ट्रेशन का प्राविधान नहीं है । ऐसे चिकित्सकों का सरकार द्वारा रजिस्ट्रेशन किया जाना है पूर्व में भी सरकार द्वारा सरकारी रजिस्ट्रेशन जारी किये गए थे . जब सरकार द्वारा रजिस्ट्रेशन जारी किया जायेंगे, तब हमारी संस्था ऐसे रजिस्टर्ड प्राथमिक चिकित्सकों को सरकारी रजिस्ट्रेशन दिलाने में सहायता व मार्गदर्शन करेगी ।
(11) यह कि हमारी संस्था झोलाछाप डॉक्टरों की पक्षधर नहीं है किन्तु जनसँख्या (1 अरब 21 करोड़ से ऊपर) और योग्य चिकित्सकों की कमी (लगभग 3 लाख) के अनुपात को देखते हुए 5 -10 वर्ष के अनुभवी चिकित्सकों को उनके ज्ञान में सुधार लाने हेतु प्रशिक्षित करने का कार्य कर – हमारी संस्था द्वारा उन्हें प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए योग्य बनाया जाता है यद्यपि यह कार्य सरकार द्वारा किया जाना चाहिये। और सरकार द्वारा विचाराधीन भी है। देखें संलग्नक: – 6.
(12) यह कि संस्था समय समय पर शासन / प्रशाशन से इस बात की मांग करती है/ करती रही है कि अनुभवी चिकित्सको को सरकारी संरक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाये – वर्तमान में -केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री माननीय डॉ हर्ष वर्धन द्वारा इस तरह के कदम उठाये गए हैं। देखें संलग्नक:-7.
(13) यह कि माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना याचिका स० 820 ऑफ़ 2004 के निर्देश. के सम्मान व समयबद्ध अनुपालन के सम्बन्ध में – संस्था द्वारा माननीय प्रमुख सचिव – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश लखनऊ को संस्था का प्रतिवेदन पत्र दो प्रतियों में अपने हाई कोर्ट के लीगल एडवाइजर से प्रमाणित करा कर दिंनाक 22-04-2014 को भेजा जा चुका है। तथा उसकी एक एक प्रति सी0एम0ओ0 कार्यालय को भेजी गयी थी। तथा एक एक प्रति मुख्य न्यायाधीश तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी गयी थी । देखें संलग्नक:-4 , 5.
(14) यह कि आज के विकसित समय में कोई सी0 एम0 एस0 डिप्लोमा धारक प्राथमिक चिकित्सक जमीन पर – टाट ,बोरा बिछाकर प्राथमिक चिकित्सा की सेवाएं नहीं देगा और न ही गली – गली घूम घूम कर बोलेगा कि प्राथमिक चिकित्सा की सेवाएं ले लो , कम से कम एक कमरे में एक कुर्सी एक मेज, दो बेंच और एक दो छोटे तखत डालकर बैठेगा
(15) यह कि हमारी संस्था ऐसे सभी सी0एम0एस0 डिप्लोमाधारी प्राथमिक चिकित्सको की आजीविका और सम्मान की रक्षा करने के लिए तथा उन्हें न्याय दिलाने हेतु एवं उनके लिए क़ानूनी संघर्ष करने के कटिबद्ध है समर्पित है
(16) यहकि सी0एम0एस0 धारक प्राथमिक चिकित्सक को प्रताड़ित करना या उन पर फ़र्ज़ी डॉक्टर का अभियोग लगाना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन , मानहानि और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अवहेलना करना तथा अवमानना (कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट) है इस तथ्य पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
(17) यह कि फ़र्ज़ी डॉक्टर वह डॉक्टर है – जो नाम के साथ बोर्ड पर एम0बी0बी0एस या बी0ए0एम0एस लिखता है और कोई डिग्री कोर्स पास नहीं है। या जिस कॉलेज या यूनिवर्सिटी के प्रमाण पत्र दिखाता है और वे प्रमाण पत्र सम्बंधित कॉलेज या यूनिवर्सिटी में रिकार्डेड नहीं है।
(18) यह कि इसी प्रकार झोलाछाप डॉक्टर वह डॉक्टर है जो कक्षा 5- 8 या 10 भी पास नहीं है और न ही कही से कोई डिप्लोमा या प्रशिक्षण लिया है और क्लीनिक खोल कर उपचार कर रहा है ऐसे चिकित्सकों पर कार्यवाही करना सर्वथा उचित है और इसे रोका जाना चाहिए।
(19) यह कि सी0एम0एस0 डिप्लोमा धारी प्राथमिक चिकित्सक और डिग्रीधारी एम0बी0बी0एस डॉक्टर्स में प्रमुख अंतर यह है कि एम0बी0बी0एस डॉक्टर – सर्जरी करता है , रेडिएशन थेरेपी करता है , ब्लड ट्रांस फ्यूजन करता है , आई0सी0यू0 /वेंटीलेटर अटेंड करता है , वेलफिनिश्ड क्लीनिक /हॉस्पिटल खोलता है * जब कि सी0एम0एस0 डिप्लोमाधारक ऐसा कुछ भी नहीं कर सकता है ।वह केवल जुखाम, बुखार,खांसी आदि सामान्य बीमारियो का प्राथमिक उपचार विश्व स्वास्थय संगठन द्वारा प्राथमिक चिकित्सा के लिए मान्य लगभग 150 दवाओं से करता है। औरयदि कोई सी0एम0एस0 डिप्लोमाधारी चिकित्सक अपनी लिमिटेशन के बाहर कार्य करता है तो उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है संस्था उसके लिए उत्तरदायी नहीं है ।
(20) यह कि इससे पूर्व भी कई जिलो के माननीय वरिष्ट पुलिस अधिकारी जैसे सुल्तानपुर पत्रांक स0 रल 711491-8749/410 Date 4-03-2005 बंगलोर REF CIMS NO 360/09/27/10/2007) फ़िरोज़ाबाद ज़िले के माननीय सेशन जज पत्रांक स0 (र -२१८९/15.09.2011)- Case of ३१/३ Pet No .1699/०९ तथा कई ज़िलों के माननीय C.M.O महोदय द्वारा संस्था के अभिलेखों या संस्था द्वारा जारी प्रमाण पत्रों के सम्बन्ध में जांच आंख्या मांगी जा चुकी है तथा उसकी प्रति भारतीय चिकित्सा परिषद ७ लाल बाग़ लखनऊ उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाएं एवं उत्तर प्रदेश स्टटे मेडिकल फैकल्टी को प्रति भेजने के लिए लिखा गया था जिनमे से प्रमुख है सी0 एम0 ओ0 विजनौर पत्रांक संख्या – क्यू0 सी0 – 2001/4306 ) , सी0 एम0 ओ0 ग़ाज़ीपुर (पत्रांक स0 मो चि/सत्यापन 2004-05/2978/20/08/2004) , सी0 एम0 ओ0 गोंडा (पत्रांक स0 शिक्षा जाँच 09-96/2-7/10/2009), सी0 एम0 ओ0 कन्नौज (पत्रांक स0 मु0 चि0 अ0/सत्यापन 2011/1299/9-9-2011) आदि आदि ।
पूर्व में भी 1987 से जहाँ जहाँ से जांच आंख्या मांगी गयी , संस्था द्वारा सही सही सत्य जानकारी प्रमाणित प्रपत्रों सहित अपने हाई कोर्ट के लीगल एडवाइजर से प्रमाणित कराकर भेजी जा चुकी है।इसी प्रकार संस्था से प्रशिक्षित नैचुरोपैथिक चिकित्सकों का 40-50 जिलों के माननीय सी0 एम0 ओ0 महोदय ने अपने यहाँ से रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किये हैं। जिनमे से प्रमुख है गोरखपुर , इलाहाबाद , मिर्ज़ापुर, संतकबीरनगर , झाँसी , सीतापुर , प्रतापगढ़, बरेली आदि आदि –
(21) यह कि उपरोक्त में या संस्था के सम्बन्ध में अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो निसंकोच लिखे तथा आप अपना मार्गदर्शन , सुझाव , विचार हमे अवश्य भेजें। जिससे देश की गरीब जनता एवं पीड़ित मानवता को प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाएँ और बेहतर ढंग से मिल सके । आपके सुझावों , विचारों और मार्गदर्शन को अपना कर सरकार का सहयोग लेते हुए, संस्था के कार्यक्रमों को कुछ और अच्छे ढंग से प्रतिपादित / क्रियान्वित कर सकें।
आदर सहित ।
शुभेक्क्षु :-
एस के तिवारी (एडवोकेट)